कुवैत में रियासी इमारत में बुधवार को एक दर्दनाक घटना घटी जिसमें 40 भारतीयों सहित 49 लोगों ने अपनी जान गवाई।
कुवैत के रियासी इलाके में जिस बिल्डिंग में आग लगी उसमें एक ही कंपनी के 195 लोग कर्मचारी रहते थे इसमें से अधिकतर सब एशियाई मूल के ही हैं घटना बुधवार सुबह दक्षिण अहमदी प्रांत के मंगाफ क्षेत्र में स्थित छ मंजिल इमारत के रसोई घर में आग लग गयी धीरे-धीरे आग ने विशाल रूप धारण कर लिया जिससे वहां पर सो रहे कर्मचारियों को पता ना चला और जब आग ने विशाल रूप धारण कर लिया तो वह आनन-फानन में इधर-उधर भागने लगे जिससे धुएं की वजह से उनके दम घटने लगा और उनकी मृत्यु हो गई।
फोरेंसिक विभाग के महानिदेशक मेजर जनरल ईद अल ओवऐहआन कहा कि मरने वालों में अधिकांश भारतीय हैं जिनकी उम्र 20 से 50 वर्ष के बीच है जिस समय हादसा हुआ ज्यादा कर्मचारी सो रहे थे और सोते समय धुएं से दम घुटने के कारण उनकी मौत हो गई घटना के बाद वहां फंसे ज्यादातर कर्मचारियों को बाहर निकाल लिया है जिसमें 40 भारतीयों सहित 49 लोगों की मृत्यु हो गई है और 30 लोग घायल हैं।
प्रत्यक्ष दर्शियों की माने तो आग इतनी तेज थी की जो कर्माचारी रात में काम कर के आए थे वह थके हुए जिससे उनको गहरी नींद आ गई और उन्हें आग का पता ना चला आगे इतनी तेजी से थैली की लोगों को सोचने समझने का मौका नहीं मिला आग की चपेट में जो भी आ रहा था आग उसको अपने आगोश में ले रही थी आग बहुत तेजी से पूरी इमारत में फैल चुकी थी जैसे ही आग का पता अधिकारियों को लगा बड़ी संख्या में राहत और बचाव कर्मी मौके पर पहुंचे कड़ी मस्कत के बाद आग पर काबू पाया गया जिस इमारत में आग लगी उसका इस्तेमाल घरेलू कामगारों के लिए किया जाता है यह इमारत पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुकी है।
कुवैत के स्थानीय मीडिया के अनुसार वहां के गृह मंत्री शेख फहद अल यूसुफ ने पुलिस को इमारत के मालिक इमारत की चौकीदार और श्रमिकों के लिए जिम्मेदार कंपनी के मालिक को गिरफ्तार करने का आदेश दिया है तथा उन्होंने कहा कि यह घटना बहुत दर्दनाक घटना है यह घटना कंपनी और भवन मालिकों के लालच के परिणाम के कारण हुआ है दोषियों के साथ-साथ उचित कार्रवाई की जाएगी।
भारत के विदेश मंत्री यश जयशंकर ने बताया है कि यह बेहद दुखद घटना है तथा भारतीय राजदूत सभी श्रमिकों को देखने के लिए घटनास्थल पर पहुंचकर मौके का मुआयना तथा अस्पताल का निरीक्षण किया जहां पर जो भी घायल भारतीय है उनको इलाज में किसी तरह की दिक्कत ना हो इसका भी विशेष ध्यान रखा जा रहा है।
भारत के विदेश मंत्रालय ने इस घटना की पुष्टि करते हुए यह ऐलान भी किया है कि मृतक आश्रितों को प्रधानमंत्री राहत कोष से दो-दो लाख रुपये आर्थिक मदद दी जाएगी।
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस घटना पर गहरा शोख व्यक्त करते हुए कहा है यह एक दुखद घटना है और उन सभी लोगों के साथ हमारी और पूरे देश की पूरी संवेदनाएं हैं जिन्होंने अपने परिवार परिजनों को खोया है मैं प्रार्थना करता हूं कि घायल जल्द से जल्द स्वस्थ हो जाए भारतीय दूतावास इस स्थिति पर नजर रखे हुए हैं और अधिकारियों के साथ संपर्क में हैं।