भारत में अभी-अभी लोकसभा चुनाव संपन्न हुए जिसमें कांग्रेस से राहुल गांधी ने वायनाड लोक सभा और रायबरेली लोकसभा दोनों जगह से चुनाव लड़कर जीत की हासिल की है।
भारतीय संविधान के अनुसार कोई व्यक्ति दो जगह से यदि चुनाव जीता है तो उसको एक जगह छोड़नी पड़ती है ऐसे में लोकसभा की दोनों सीटों पर जीत दर्ज करने के बाद कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से बात करके यह निर्णय लिया है कि वह वायनाड सीट को छोड़कर रायबरेली से ही सांसद बने रहेंगे।
राहुल गांधी के वायनाड सीट छोड़ देने से वायनाड लोकसभा में उपचुनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई है। ऐसे में वहां पर कांग्रेस को अपना नया उम्मीदवार खड़ा करना होगा अभी-अभी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को अन्य चुनाव की तुलना में अच्छी बढ़त मिलने से उनका उत्साह बढ़ा हुआ है जिसके चलते कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को वायनाड सीट से लोकसभा लड़ाने का निर्णय लिया है।
वायनाड की सीट छोड़ने के बाद राहुल गांधी ने वहां की जनता को बोला है कि वायनाड से मेरा नाता खत्म नहीं हुआ है मैं वहां आता जाता रहूंगा मैं वहां की जनता की प्यार और सम्मान का हमेशा ऋणी रहूंगा।
वहीं प्रियंका गांधी ने अपने पुराने स्लोगन “लड़की हूं लड़ सकती हूं” का जिक्र करते हुए कहा कि वह वायनाड से उपचुनाव लड़ेंगी।
केरल में डेढ़ साल बाद विधानसभा चुनाव है ऐसे में कांग्रेस किसी तरह का खतरा मोल लेना नहीं चाहती हैं राहुल गांधी के वायानाड सीट छोड़कर रायबरेली को चुना है ऐसे में वहां गलत संदेश जा सकता है जिससे पार्टी को उपचुनाव और विधानसभा में नुकसान हो सकता है इसलिए पार्टी ने प्रियंका गांधी को वायनाड से उम्मीदवार बनाने का फैसला लिया है कांग्रेस के इस फैसले से यह सिद्ध हो गया कि वह अब पीछे से नहीं बल्कि सामने से लड़ना चाहती है।
लंबे इंतजार के बाद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने राजनीति में उतारने का ऐलान कर दिया है और वह बहुत खुश भी हैं उन्होंने कहा है कि वायनाड की जनता को राहुल गांधी की कमी महसूस नहीं होने देगी वह कड़ी मेहनत करके एक अच्छे प्रतिनिधि बनने की पूरी कोशिश करेंगी वह वहां की जनता के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलेगी।
वायनाड सीट यदि प्रियंका गांधी जीतती हैं तो यह पहला मौका होगा जब गांधी परिवार के तीन सदस्य सांसद होंगे अभी तक केवल सोनिया गांधी और राहुल गांधी ही सांसद थे।प्रियंका गांधी के चुनाव लड़ने और जीत का संसद पहुंचने के बाद भारत की राजनीति में नए आयाम का कयास लगाया जा रहा है। सोनिया गांधी ने भी केरल से ही राजनीति की शुरुआत की थी और अब प्रियंका गांधी भी वही कर रही है।