डेरा प्रमुख Ram Rahim को मिली राहत हाई कोर्ट ने उन्हें किया बरी

डेरा प्रमुख Ram Rahim और चार लोगों को रंजीत मर्डर केस में सीबीआई की पंचकूला कोर्ट ने उन्हें उम्र कैद की सजा सुनाई थी जिसमें पंजाब और हरियाणा की हाई कोर्ट ने सीबीआई के फैसले को रद्द करते हुए डेरा प्रमुख और चार आरोपियों को दोष मुक्त करार दिया।

रणजीत सिंह हत्याकांड में पंचकूला की विशेष अदालत में गुरमीत राम रहीम व अन्य चार आरोपियों को दोषी करार देते हुए सजा का ऐलान किया था जिसके बाद हाईकोर्ट ने पंचकूला की अदालत के फैसले को रद्द करते हुए ने दोष मुक्त कर दिया।

10 जुलाई 2002 को सिरसा डेरा के प्रबंधक रणजीत सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी जिसमें रणजीत सिंह के लड़के जगशीर सिंह की रिपोर्ट पर दिसंबर 2003 को सीबीआई को रिपोर्ट सौपी गई जिसमें सीबीआई ने डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम और चारअन्य आरोपियों को रणजीत सिंह हत्याकांड में दोषी करार देते हुए कोर्ट के सामने पेश किया पंचकूला की कोर्ट ने उन्हें 2017 में उम्र कैद की सजा सुनाई।


राम रहीम और चार अन्य आरोपीयों ने इस सजा के खिलाफ पंजाब और हरियाणा की हाई कोर्ट में अपील की

न्यायमूर्ति सुरेश ठाकुर और न्यायमूर्ति ललित बत्रा दोनों जजों की बेंच ने याचिका को स्वीकार कर लिया था तथा दो जजों की बेंच ने पूरे केस की सुनवाई करते हुए राम रहीम और चार एन आरोपियों को बरी करार दिया।

सीबीआई की चार्जसीट के अनुसार रणजीत सिंह के पास से एक गुमनाम एक पत्र था जिसमें डेरा प्रमुख राम रहीम की करतूतो का वर्णन था जिसमें राम रहीम द्वारा अपनी शिष्याओं के साथ दुष्कर्म का वर्णन था जिसे डेरा प्रमुख जान गया था जिसके डर से उसने रणजीत सिंह की हत्या कर दी।

सीबीआई की अदालत के सामने यह पत्र आ जाने से राम रहीम अपने आप को असहाय महसूस कर रहा था जिसमें डेरा प्रमुख राम रहीम अपनी दो शिष्याओं के यौन शोषण के गंभीर आरोप लगाए गए थे।

राम रहीम दो शिष्याओ के साथ बलात्कार के आरोप मे 20 साल की सजा काट रहा है। तथा एक पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की हत्या का भी दोषी ठहराया गया है जिसमें उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। 20 साल की सजा खत्म होने के बाद भी यह सजा जारी रहेगी।

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